जैसा कि भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं ने कल के खिलाड़ियों को किनारे कर युवा खिलाड़ियों को टीम की बागडोर सौंप दी है तो ऐसे में भुला दिए गए खिलाड़ियों के मध्य असंतोष पैदा हो रहा है। उनकी धूमिल हो रही लोकप्रियता, उनके कैरियर पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है।
रोबिन उथप्पा ने इस पर नाराज़गी ज़ाहिर की। अंबाती रायडू ने तो यह तक बताया कि अक्सर उन्हें भारतीय टीम की जर्सी पहन कर बाहर निकलना पड़ता है ताकि लोग जान सकें कि वह कभी भारत के लिए खेल चुके हैं। स्पिनरों प्रज्ञान ओझा और अमित मिश्रा ने पहचान खो जाने की शिकायत दर्ज कराई है क्योंकि लोग उन्हें पहचान भी नही पा रहे हैं।
अशोक डिंडा के साथ तो और भी बुरा हुआ। एक बार जब वह गेंदबाज़ी के लिए रन अप ले रहे थे तो उनको उछलता देखकर लोगों ने उन्हें पी टी अध्यापक समझ लिया। खराब होती इस स्थिति को देखते हुए भारत में एक नई क्रांति शुरू हो चुकी है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बावजूद भुला दिए गए भारतीय क्रिकेटरों को भारतीय क्रिकेटर रोज़गार योजना का लाभ दिलाने की मांग की जाएगी।
यह क्रांति पुराने खिलाड़ियो मनप्रीत गोनी और वी आर वी सिंह के द्वारा शुरू की गई जिसे ऋषि धवन और गुरकीरत सिंह मन जैसे कम अंतर्राष्ट्रीय अनुभव वाले खिलाड़ियों का समर्थन प्राप्त है। इस क्रांति का समर्थन कुछ वरिष्ठ खिलाड़ियो ने भी किया।
दो वर्षों से एकदिवसीय टीम से बाहर चल रहे सुरेश रैना ने भी हताशा जताई और कहा “मैंने सब कोशिश करके देख ली। ट्विटर पर कप्तान को बधाई देने से लेकर जिम के वर्कआउट की सेल्फी सब पोस्ट करके देख चुका लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हमें कुछ और वर्षों के लिए टीम में होना चाहिए।”
धोनी ने 8 ओवर के मैच में सेट होने के लिए 4 ओवर मांगे – बल्लेबाज़ी क्रम में नीचे भेज दिया गया
चार वर्ष से एकदिवसीय टीम से बाहर चल रहे और टेस्ट टीम में स्थान पक्का न कर पाने वाले गौतम गंभीर ने कहा ” मैंने देशभक्ति से सम्बंधित ट्वीट किए और विराट से बात करने की कोशिश की लेकिन शायद उन्होंने मेरा नम्बर ही ब्लॉक कर दिया है। आई पी एल के अलावा भी मैं उपयोगी साबित हो सकता हूँ।”
हरभजन ने रोज़गार योजना से दूरी बनायी है। वह अभी भी टीम में जगह मिलने को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने हमारे रिपोर्टर से कहा “अगर ये चिरकुट ऐसी गेंदबाज़ी कर रहे हैं तो मुझे मौका मिले तो मैं हर मैच में 10 विकेट गिरा दूँ।” उनके इस बयान पर मुंबई इंडियंस टीम प्रबंधन के हंसने की आवाज़ आई।
हमारे रिपोर्टरों ने युवराज सिंह से भी मिलने की कोशिश की लेकिन उनके कुत्ते ने गेट के अंदर घुसने ही नहीं दिया। हालाँकि बी सी सी आई ने रोज़गार योजना की खबरों का खंडन किया लेकिन उन्होंने बताया कि उसकी जगह जल्द ही वे एक मार्गदर्शक मंडल समिति शुरू करने वाले हैं।
Source: SH*T News of the day: Forgotten Indian cricketers demand Rozgaar Yojna




